Tuesday, June 5, 2012

प्यार की  परिभाषा 



दिखावटी प्रेम प्रदर्शन को, समझते हैं लोग प्यार की भाषा

वार्षिक वैलेंटाइन दिवस मनाकर, बदलते हैं इसकी परिभाषा

समर्थ अनुसार करते हैं लोग, खर्च लुभाने को

और होते हैं भ्रमित कि, निभा ली प्यार दिखाने को

ऐसे लोग करते हैं जतन , पर अपने स्वार्थ निहित

नहीं करता है सच्चा प्रेम, जो होता है प्रदर्शन रहित

सच्चा प्रेम नहीं ढूँढता, किसी प्रकार का अनुमोदन

और ना ही चाहता है, कीमती सौगातों का शोधन

अगर करते हो अपने प्रिये से, सच्चा प्रेम

करो प्रदर्शन प्रेम का नित्यदिन, दैनिक कर्मो में 

और करो प्रदान मानसिक सुख व शांति, सुकर्मो से

पड़ेगा उठाना दुःख व दर्द समान, प्रिये के हरेक अडचनों में 

औए सहना पड़ेगा पीडा, पर मधुर वचनों से

तभी होगा प्रर्दशित सच्चा प्यार

जो करेगा दूर अवसाद और करेगा प्रदान प्रेम का सार


सुमन सरन सिन्हा
अप्रैल ८, २००९


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