Tuesday, June 5, 2012


एक कविता


एक कविता

अवयक्त विचारों की सरिता

मानसिक मनोविज्ञान की संहिता

करती है भावों को व्यक्त

जैसे उन्मक्त धरोहर करे अभिव्यक्त

वक्तिगत विचारों का संकलन

नई पुरानी घटनाओं का प्रकरण

सांसारिक समस्याओं का जिक्र

अपनी विवस्ताओं का फिक्र

सफलताओं और असफलताओं पर विचार

सामाजिक नेतिकता का ह्राष व बढ़ता व्यभिचार

आर्थिक समस्याओं का आकलन

या अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों का विवरण

प्रेम और मुहब्बत का प्रसंग

या मन प्राकृतिक सुन्दरता के संग

करती है प्रकाशित जग को जैसे सविता

एक कविता

सुमन सरन सिन्हा 
मार्च १५,२००९ 

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