सुखों का रस
दृढ संकल्प और, आत्मिक विश्वास
देता है मनोकामना पूर्ति, व सकल आस
क्या सही और क्या गलत का, अगर है कसमकस
तो रखो आस्था, विश्वास व हरि भक्ति को वस
हरि चरण में करो न्योछावर
अगर पाना है सुख,शांति व वर
कहता है कवि सुमन ये रहस्य
यही है शांति व सुखों का परम रस
सुमन सरन सिन्हा
सितम्बर २४,२००९
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