Tuesday, June 5, 2012


सुखों का रस


दृढ  संकल्प और, आत्मिक विश्वास 
देता है मनोकामना पूर्ति, व सकल आस

क्या सही और क्या गलत का, अगर है कसमकस
तो रखो आस्था, विश्वास  व हरि भक्ति को वस

हरि चरण में करो न्योछावर
अगर पाना है सुख,शांति व वर

कहता है कवि सुमन ये रहस्य
यही है शांति व सुखों का परम रस


सुमन सरन सिन्हा
सितम्बर २४,२००९ 

No comments:

Post a Comment