Tuesday, June 5, 2012

मनुष्यों  के  प्रकार 



मनुष्य है एक ऐसा विलक्षण प्राणी, जिसके हैं सम आकार
बाहर से सब हैं एक मगर, अंदर से हैं इनके अनेक प्रकार
जो इस मर्म को, जाने अनजाने करता है अनदेखा
वो करता है अपने को प्रताडित, और खाता है धोखा
अगर हृदय है अति भावुक, तो सम्हालो अपने को कर ठीक
कवि सुमन करता है विश्लेषण, ले लो हमसे अनमोल सीख
                                                                         
१. अति मृदुभाषी

जो मनुष्य है अति मृदुभाषी, और करता है सदा बड़ाई
तो समझ लो अपने निज-हित हेतु, उसने तुम्हे चढाई
ऐसा मनुष्य करता है प्रदर्शन मृदु वचनों का, वाह्यरूप से
और करता है मृदुभाषा का इस्तेमाल, जैसे लोग करें तुरूप से
उनकी हरेक भाषा होती है, कर्णप्रिय  व निराली
जैसे हो सुराही सुरा का अति सुंदर, मगर खाली

२. मृदुभाषी

मनुष्यों मे है वो श्रेष्ठ, जो कहता है सदा मृदुवचन 
जिसकी बातें होती नहीं यथार्थ से परे, वे हैं जन सज्जन
जो कहे सच को सच व झूठ को झूठ, पर सच्चेमन
और नहीं खेलता भावनाओं से कह, कठोर व अति मृदु वचन

३. कटुभाषी

जो मनुष्य करता है वार्तालाप कटु, वो होता नहीं है वाकपटु
इनके होते हैं दो प्रकार - या तो सत्यवक्ता या गंवार
यदा कदा पहुंचाते हैं मन को चोट, और याद आता है साईं
इसलिए मन ना हो घायल ऐसे नरों से, दूर रहो दस हाथ भाई

सुमन सरन सिन्हा 
अप्रैल ८,२००९

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