लो एक और नया साल आ गया है
धरती पर ओस और नभ मंडल में जोस छा गया है
लो एक और नया साल आ गया है
कहीं पर खुशी की लहर व लाली, और कही पे दुखों का कहर वाली
लो एक और नया साल आ गया है
कोई होगा हर्षित व उल्लाषित, और कोई होगा वक़्त के मार से त्रासित
लो एक और नया साल आ गया है
कोई करेगा अपनि योजनाओं का निर्माण, तो कोई है भयभीत उनसे, जो करेगा फरमान
लो एक और नया साल आ गया है
अभी अभी गए साल की रात ने, अपनि अंतिम अंगड़ाई ली थी,
और चांदनी ने अपनि बाहें फैलाई थी की
लो एक और नया साल आ गया है
सबके घर आये खुशियाँ, और बंधनवार सजे, हो सबका मंगलमय और घर से तिमिर तजे
इन शुभकामनाओं के साथ
लो एक और नया साल आ गया है
सुमन सरन सिन्हा
शुक्रवार जनुअरी ६, 2012
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