Monday, September 17, 2012

लो एक और नया साल आ गया है 


धरती पर ओस और नभ मंडल में जोस छा गया है 

लो एक और नया साल आ गया है 

कहीं पर खुशी की लहर व लाली,  और कही पे दुखों का कहर वाली 

लो एक और नया साल आ गया है


कोई होगा हर्षित व उल्लाषित, और कोई होगा वक़्त के मार से त्रासित 

लो एक और नया साल आ गया है 


कोई करेगा अपनि योजनाओं का निर्माण,  तो कोई है भयभीत उनसे, जो करेगा फरमान 

लो एक और नया साल आ गया है


अभी अभी गए साल की रात ने, अपनि अंतिम अंगड़ाई ली थी,  
और चांदनी ने अपनि बाहें फैलाई थी की 

लो एक और नया साल आ गया है


सबके घर आये खुशियाँ,  और बंधनवार सजे, हो सबका मंगलमय और घर से तिमिर तजे

इन शुभकामनाओं के साथ 
लो एक और नया साल आ गया है 

सुमन सरन सिन्हा
शुक्रवार  जनुअरी  ६, 2012

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